राजस्थान के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी खबर है, अब उनका सिलेबस बदलने वाला है राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अगले शैक्षणिक सत्र से छठी से बारहवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में लगभग 20% तक बदलाव किया जाएगा, यह बदलाव विद्यार्थियों को नए जमाने के साथ कदम मिलाकर चलने में मदद करेगा।

सिलेबस बदलने के लिए सरकार ने बनाई कमेटी, कौन हैं इसके सदस्य?
इस बड़े बदलाव को लाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम समिति का गठन किया है, यह समिति सिलेबस में जरूरी बदलावों पर काम कर रही है इस महत्वपूर्ण कमेटी के अध्यक्ष वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कैलाश सोडानी हैं, उनके साथ शिक्षा विभाग के और भी कई बड़े अधिकारी इस कमेटी में शामिल हैं, यह सभी मिलकर नए सिलेबस को अंतिम रूप देंगे।
नए सिलेबस में क्या-क्या होगा शामिल, विद्यार्थियों को क्या नया सीखने को मिलेगा?
खबरों के अनुसार, छठी से बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में लगभग 15 से 20% नए विषय जोड़े जाएंगे, इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उद्यमिता जैसे विषय प्रमुख होंगे, ताकि विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक और बिजनेस की दुनिया की जानकारी मिल सके इसके अलावा, सिलेबस में लोक कल्याण, संस्कृत, डिजिटल और साइबर सुरक्षा, कंप्यूटर का ज्ञान जैसी महत्वपूर्ण चीजें भी शामिल की जाएंगी, एनसीईआरटी की किताबों में भी कुछ नए बदलाव देखने को मिलेंगे प्रोफेसर सोडाणी ने यह भी बताया है कि नई किताबें लिखने के लिए 100 लेखकों की एक सूची तैयार की जा चुकी है।
नई किताबें कब तक आएंगी और विद्यार्थियों को कब से पढ़ना होगा नया सिलेबस?
हालांकि कमेटी तेजी से काम कर रही है, लेकिन जुलाई तक नए पाठ्यक्रम की किताबें छपकर विद्यार्थियों तक पहुंचना थोड़ा मुश्किल लग रहा है, पहले से पांचवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में भी लगभग 7% बदलाव की योजना है और इस पर भी काम चल रहा है सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि छठी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को नए और आधुनिक विषयों से जोड़ा जाए, जिससे वे समय के साथ आगे बढ़ सकें।