Rajasthan Board 8th Result Scholarship: अगर आपका बच्चा राजस्थान बोर्ड से 8वीं पास कर चुका है, तो सिर्फ नंबरों का जश्न मनाना काफी नहीं है – अब राज्य सरकार सीधे खाते में पैसे भेजने को तैयार है। हम बात कर रहे हैं “निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना” की, जो सिर्फ स्कॉलरशिप नहीं, बल्कि मेहनत के इनाम के रूप में नकद पुरस्कार भी देती है। इस योजना से जुड़ी जानकारी जान लेना हर उस परिवार के लिए जरूरी है, जो आर्थिक रूप से थोड़ा पीछे रह गया है लेकिन बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर है।
यह योजना केवल स्कॉलरशिप नहीं, अवसर है
राजस्थान सरकार की यह योजना उन छात्रों के लिए बनाई गई है जिनके माता-पिता पंजीकृत निर्माण श्रमिक हैं। यहां सिर्फ किताबों की फीस नहीं चुकाई जाती, बल्कि बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने के लिए नकद राशि भी दी जाती है। खास बात यह है कि योजना कक्षा 6 से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई को कवर करती है। इसका मतलब, एक बार पंजीकरण के बाद पूरा शैक्षणिक सफर आर्थिक बोझ से काफी हद तक मुक्त हो सकता है।
8वीं पास छात्रों के लिए कितनी मदद?
यदि छात्र ने 8वीं में अच्छे अंक (75% या उससे अधिक) हासिल किए हैं और वह निर्माण श्रमिक का बेटा है, तो उसे ₹8000 की वार्षिक स्कॉलरशिप मिलती है। अगर वह छात्रा या दिव्यांग है, तो यह राशि ₹9000 हो जाती है। इतना ही नहीं, 75% से अधिक अंक लाने पर ₹4000 का अतिरिक्त नकद पुरस्कार भी सीधे खाते में भेजा जाता है। यानी कुल फायदा ₹13,000 तक पहुंच सकता है।
बाकी कक्षाओं के लिए भी है सुनहरा मौका
यह योजना सिर्फ 8वीं तक सीमित नहीं है। कक्षा 6 से 12वीं तक, आईटीआई, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन – सभी स्तरों पर अलग-अलग स्कॉलरशिप और पुरस्कार राशि तय की गई है। ग्रेजुएशन अगर प्रोफेशनल कोर्स है तो स्कॉलरशिप की राशि ₹20,000 तक पहुंचती है और 60% से अधिक अंक लाने पर ₹25,000 तक का नकद इनाम भी दिया जाता है। योजना का यह दायरा इसे सबसे बड़ी राज्यस्तरीय छात्रवृत्ति योजनाओं में शामिल करता है।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहली शर्त है कि छात्र या छात्रा के माता-पिता राजस्थान सरकार के श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होने चाहिए। एक श्रमिक अधिकतम दो बच्चों को इस योजना का लाभ दिला सकता है। विशेष बात यह है कि यदि श्रमिक की पत्नी स्वयं पढ़ाई कर रही है और उसकी उम्र 35 वर्ष से कम है, तो वह भी लाभार्थी मानी जाती है। यह पहल ना सिर्फ बच्चों बल्कि महिलाओं की शिक्षा को भी बढ़ावा देती है।
नकद इनाम पाने के लिए कितने अंक जरूरी हैं?
कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों को नकद पुरस्कार पाने के लिए कम से कम 75% अंक लाना जरूरी है। वहीं डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर 60% अंक ही पर्याप्त हैं। यह सीमा स्पष्ट रूप से बताती है कि योजना का उद्देश्य सिर्फ पास कराने से नहीं बल्कि उत्कृष्ट प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने से है।
आवेदन की प्रक्रिया बिल्कुल ऑनलाइन और सरल
इस योजना के लिए आवेदन करना बेहद आसान है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। इसके लिए सबसे पहले एसएसओ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद लॉगिन कर ‘LDMS’ सेक्शन में जाना होता है, जहां “Apply for Scheme” पर क्लिक करके ‘निर्माण श्रमिक शिक्षा कौशल विकास योजना’ को चुनना होता है। आवेदन फॉर्म भरने के बाद सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड कर देने होते हैं।
कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए होंगे?
आवेदन के समय छात्र या छात्रा को अपने शैक्षिक संस्थान से प्रमाणित आवेदन पत्र, पंजीकृत श्रमिक का ID कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, आधार या भामाशाह कार्ड, और मार्कशीट की स्वयं-सत्यापित कॉपी अपलोड करनी होती है। दस्तावेज जितने स्पष्ट और सही होंगे, आवेदन उतनी ही जल्दी स्वीकार होगा और पैसा उतनी ही जल्दी खाते में पहुंचेगा।
छात्रों के भविष्य में ये योजना कैसे मददगार साबित हो रही है?
अब तक हजारों छात्रों को इस योजना से सीधा लाभ मिल चुका है। यह स्कॉलरशिप योजना उन परिवारों के लिए वरदान बन चुकी है जिनके पास सीमित संसाधन होते हैं लेकिन बच्चों को आगे बढ़ाने की ललक होती है। योजना न सिर्फ पढ़ाई में मदद करती है, बल्कि छात्रों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है कि उनके अच्छे नंबरों को सरकार द्वारा मान्यता और इनाम मिल रहा है।
अभी करें आवेदन, मौका न चूकें
अगर आपके घर में कोई छात्र राजस्थान बोर्ड 8वीं परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास हुआ है, तो समय गंवाने का कोई मतलब नहीं है। यह योजना सिर्फ एक बार का मौका नहीं, बल्कि पूरे शैक्षणिक जीवन के लिए सहारा बन सकती है। आवेदन अभी करें और बच्चों को आगे बढ़ने का मजबूत आधार दें।
अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए आज ही योजना की वेबसाइट पर जाएं, रजिस्ट्रेशन करें और सही दस्तावेज़ों के साथ आवेदन पूरा करें।
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